हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,इंसान के लिए इससे बड़ी नेमत कोई नहीं है कि इमामे ज़माना उसके साथ हैं और उसे देख रहे हैं।
आज ज़मीन पर इमामे ज़माना का पाकीज़ा वुजूद लोगों के बीच बरकत, इल्म, नूर, ख़ूबसूरती और सभी अच्छाइयों का सरचश्मा है।
हमारी मामूली और अंधेरी आँखें उस आसमानी चेहरे को क़रीब से नहीं देख पातीं लेकिन वो सूरज की तरह नूर बिखेर रहा है, दिलों, रूहों और अंतरात्माओं से जुड़ा हुआ है और उस इंसान के लिए, जिसके पास इल्म और इरफ़ान है, इससे बड़ी कोई नेमत नहीं है।
वह महसूस करे कि अल्लाह का वली, सच्चा इमाम, अब्दे सालेह (अल्लाह का नेक बंदा), पूरी दुनिया के सभी लोगों में से चुना हुआ बंदा और ज़मीन पर अल्लाह की ख़िलाफ़त का हक़दार उसके साथ और उसके पास है, उसे देख रहा है और उससे जुड़ा हुआ है।
इमाम ख़ामेनेई,